विश्व तम्बाकू निषेध दिवस
- प्रारंभ: 31/05/2018
- समाप्ति: 31/05/2018
‘‘चाहो जो जीवन सुखदायी, तम्बाकू को त्यागो भाई, जिन्दगी चुनें तम्बाकू नहीं‘‘ की परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से आज विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर राजकीय इंटर कालेज के सभागार में जिलाधिकारी सुशील कुमार की अध्यक्षता में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से मनुष्य की आयु कम होती है इसलिये तम्बाकू का प्रयोग न करने की सलाह उपस्थित जन समुदाय की दी। उन्होंने कहा कि आज नशे की प्रवृत्ति युवाओं और बच्चों में तेजी से बढ़ रही है। जिसके लिए सचेत होने की आवश्यकता है। हमें नशे के सेवन से बचना होगा। क्योंकि इससे छोटी-छोटी बीमारियां ही घातक बीमारियों का रूप ले लेती हैं। जबकि हम तम्बाकू के सेवन में पैसा खर्च करते हैं फिर तम्बाकू से होने वाले बीमारियों पर पैसा खर्च कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि जागरूकता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों के कारणों के प्रति जागरूक करें। उन्होंने कहा कि मात्र तम्बाकू निषेध का कानून बनाने तथा जुर्माने व सजा आदि से ही यह कुवृत्ति दूर नहीं होगी। इसके लिए हमें अपने स्कूल, नगर, गांव तथा समाज में लोगों को जागरूक करना होगा।
इस अवसर पर जिलाधिकारी ने उपस्थित लोगों को तम्बाकू का सेवन न करने की शपथ भी दिलाई तथा हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया। कार्यक्रम में जिला नोडल अधिकारी एनटीसीपी/अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 नरेंद्र कुमार त्यागी ने तम्बाकू के सेवन से होने वाली विभिन्न बीमारियों की जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि तम्बाकू सेवन से प्रतिवर्ष विश्व में 54 लाख लोगों की मृत्यु होती है तथा विश्व में होने वाली आठ में से छह मृत्यु तम्बाकू सेवन से होती है। उन्होंने बताया कि भारत वर्ष में 48 प्रतिशत पुरूष तथा 20 प्रतिशम महिलायें तम्बाकू का सेवन करती हैं। फलस्वरूप भारत में ढाई हजार से अधिक लोगों की मौत तम्बाकू सेवन से होती हैं। यही नहीं भारत में 40 प्रतिशत कैंसर की बीमारी तम्बाकू सेवन से ही होता है। उन्होंने बताया कि भारत में हर रोज 5 हजार से अधिक युवक तम्बाकू का सेवन शुरू करते हैं। जिनमें 15 से 24 वर्ष के किशोर एवं युवकों द्वारा तम्बाकू का सेवन किया जाता है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू छोड़ना संभव है इसे छोड़ने के लिए कोई समय सीमा नहीं है बल्कि यह कभी भी छोड़ा जा सकता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्ति के साथ ही उसके परिवार पर भी बुरा असर पड़ता है। तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम 2003 के सन्दर्भ में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सार्वजनिक स्थानों पर धुम्रपान निषेध है। इन स्थानों पर धुम्रपान करने पर दो हजार का जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि तम्बाकू के सभी प्रकार के विज्ञापनों पर प्रतिबंध है। जिसके लिए एक हजार का जुर्माना या जेल अथवा दोनों हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक स्थानों के सौ वर्ग मीटर क्षेत्र में तम्बाकू की बिक्री प्रतिबंधित है तथा 18 वर्ष से कम आयु पर तम्बाकू उत्पादनों को बेचने पर दो सौ रूपये का जुर्माना निर्धारित है। इसके अलावा सभी तम्बाकू उत्पादों पर स्वास्थ्य संबंधी जानकारी न छापे जाने पर पांच हजार का जुर्माना या जेल अथवा दोनों निर्धारित हैं।
जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ द्वारा आयोजित भाषण, पेंटिंग तथा कविता प्रतियोगिता के विजेता छात्रों को जिलाधिकारी ने पुरस्कृत किया। भाषण प्रतियोगिता में सक्षम तिवारी प्रथम, धर्मपाल द्वितीय तथा शुभम बिष्ट तृतीय स्थान पर रहे। इसी प्रकार पेंटिंग में शुभम बिष्ट प्रथम, अर्चित रावत द्वितीय तथा ऋषभ भंडारी तृतीय रहे। इसके अलावा कविता प्रतियोगिता में निखिल रावत प्रथम, अमन रावत द्वितीय तथा ऋतिक रावत तृतीय रहे। इसके अलावा विद्यालयों में छात्रों पर तम्बाकू निषेध की मॉनिटरिंग हेतु पांच छात्रों को तम्बाकू निषेध वॉलेंटियर के रूप में नियुक्त किया गया। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 बीएस जगपांगी, उप मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 अजीत मोहन जौहरी, खंड शिक्षाधिकारी डीपी काला, प्रधानाचार्य जीआईसी विमल बहुगुणा समेत स्वास्थ्य विभाग से जुड़े अधिकारी कर्मचारियों के अलावा स्कूली छात्र- छात्रायें तथा शिक्षक शिक्षिकायें उपस्थित रहे।